Monday, April 15, 2013

ambe rani

अम्बे रानी माँ कात्यायनी बरस रहा है प्यार तेरा,
फिर भी न जाने क्यों मइया बदल रहा संसार तेरा,
अक्ल के अंधे बुरे है धंधे राह से अपनी भटक गये,
मललब सबके सिर चढ़ बोले भूल रहे उपकार तेरा,
ढोंगी भक्त हैं छलिया कपटी हर सीमा को लांघ गये,
नजर माया पे रखते माता कर रहे तिरस्कार तेरा।
नारी का अपमान करते जो जन्मदाती को दुःख देते,
उनको तो नसीब न होता मइया जी सच्चा प्यार तेरा।
कात्यायनी"रैना'को शरण बुला तेरे दीद की हसरत है,
नवरात्रों के मौसम में माँ खूब सजा है दरबार तेरा।"रैना"
जय जय माँ जय जय माँ जय जय माँ जय जय माँ

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