Saturday, April 27, 2013

बहुत पढ़ ली किताबे जिन्दगी,
मगर फिर भी हुनर जीने का नही आया।"रैना"

ये नेता तुम्हे क्या देगे,
खुद हैं ये भीख मंगे,
कपड़े मांगते हो उनसे,
जो खुद घूमते हैं नंगे।"रैना"

ae gall dass aa ke nede ni,
dil vich tere ni,
hor hunn kon wassda,"raina"




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