Saturday, April 13, 2013

kushmada maa

कूष्मांडा माँ मेरी,क्यों करती हो देरी,
मोहे अपना दास बना दे,तेरा पक्का रंग चढ़ा दे,
मैं जब भी अपना मुहु खोलू,
जय माँ जय माँ बोलू जय माँ जय माँ बोलू,
कूष्मांडा माँ .........................................
जग का तूने विस्तार किया,
माँ जीवों पे उपकार किया,
तेरे दम से हुआ सवेरा,
दूर किया माँ तूने अँधेरा,
माँ अब इतनी मेहर तू करदे,
हुआ मस्त दीवाना डोलू,
जय माँ जय माँ बोलू,...............
शेर की माँ तू करती सवारी,
तेरी लीला माँ अजब न्यारी,
तुम अष्टभुजी माँ कल्याणी,
विश्व रचियता दुःख निदानी,
हर पल तेरा गुणगान करू मैं,
नाम का रस ही घोलू।
जय माँ जय माँ बोलू,.........."रैना"
जय माँ जय माआआआ

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