बिन तिरे मर मर के हम जी रहे,
जाम जीवन का जहर पी रहे।
हाल ऐसा जो न होता सनम,
फिर कभी "रैना" न रोता सनम।
दिल के घर में झांकता जब कभी,
जख्म आते हैं नजर दूर तक।"रैना"
जाम जीवन का जहर पी रहे।
हाल ऐसा जो न होता सनम,
फिर कभी "रैना" न रोता सनम।
दिल के घर में झांकता जब कभी,
जख्म आते हैं नजर दूर तक।"रैना"
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