Friday, April 12, 2013

mujhko grmi sardi

भूल जाने की सोचते पर भूलते ही नही,
याद दुश्मन बन गई क्या बावफा का करे,
छोड़ कर चलते बने मझधार में वो हमें,
राह से भटके मुसाफिर जा कहां अब मरे।"रैना"

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