दिल्ली में अब लगता जंगल राज है,
भेडियें नोच रहे हैं बच्चियों को,
मसीहा हर बार यही दावा करता,
हालात सुधार दिये जाये गे,
जब पुलिस बेलगाम हो गई शहर की,
भेडियें फिर तो गुल्छारें ही उड़ाये गे।
हालात फिर क्या खाक सुधरेगे,
जब थाने औ कुर्सी की बोली लगाये गे।"रैना"
भेडियें नोच रहे हैं बच्चियों को,
मसीहा हर बार यही दावा करता,
हालात सुधार दिये जाये गे,
जब पुलिस बेलगाम हो गई शहर की,
भेडियें फिर तो गुल्छारें ही उड़ाये गे।
हालात फिर क्या खाक सुधरेगे,
जब थाने औ कुर्सी की बोली लगाये गे।"रैना"
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