Sunday, April 21, 2013

uthho dosto

उठो दोस्तों सोना छोड़ो,बेवजह ही रोना छोड़ो,
खतरे के बादल मंडराते रणनीति नई तैयार करो,
अपनी इन रगों में अब,गर्म खून का संचार करो।
अपनी इन रगों ......................
आजाद फिर भी गुलाम है हम,
कोई पूछता नही बेनाम हैं हम,
सारा सिस्टम ही बीमार हुआ,
इस बीमारी का तुम उपचार करो,
अपनी इन रगों ........................
अजन्मी बेटी के लिए अभियान चले,
जो जन्म ले चुकी वो रो रो कर है पले,
बेटी को सुरक्षा मिले शिक्षा,
अपनी सोच का तुम विस्तार करो।
अपनी इन रगों ........................
काले अंग्रेजों ने देश को लूटना खाना हैं,
हम सब ने मिल कर अब देश बचाना हैं,
मत चुनों लुच्चें  लफंगों को,
अब भारत माता पे उपकार करो,
अपनी इन रगों .................................
याद करो मत भूलो शहीदों की क़ुरबानी,
जिन्होंने देश के नाम कर दी जिंदगानी,
गद्दारों को सबक सीखा दो,
अब उनको तड़ी पार करो।
अपनी इन रगों ......................
"रैना"का ये कहना बुझदिल बन के मत रहना,
देश के खातिर हमने हंस हंस के दुःख सहना,
तोड़ डालो सारी बेड़िया,
अब गुलामी न स्वीकार करो।
अपनी इन रगों .............................रैना"
जय माँ भारती ................. जय माँ भारती


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