मेरा अनुभव
सरकारी दफ्तर में??????
काम हो तो बस इतना कीजिये,
हाथ में पहले चांदी की जूती लीजिये,
बाबू जी जब खोले अपना मुहु,
फटाक से मुहु पे जूती मार दीजिये।
झट काम हो जायेगा,
जूती मारे बिना काम नही होगा,
जूतियाँ घिस जायेगी।"रैना"
सरकारी दफ्तर में??????
काम हो तो बस इतना कीजिये,
हाथ में पहले चांदी की जूती लीजिये,
बाबू जी जब खोले अपना मुहु,
फटाक से मुहु पे जूती मार दीजिये।
झट काम हो जायेगा,
जूती मारे बिना काम नही होगा,
जूतियाँ घिस जायेगी।"रैना"
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