Monday, April 29, 2013

tera bchcha hu

दोस्तों ये रचना मेरे आप सबके दिल की पुकार

मुद्दत से रो रहा अब चुप करा दे मुझको,
तेरा बच्चा हूं खिलौना दिला दे मुझको।
पास रहता फिर भी तू नजर नही आता,
प्यारी सी वो तेरी सूरत दिखा दे मुझको।
इंसान की योनि फिर भी इन्सां नही हूँ,
इतनी मेहर कर दे इन्सां बना दे मुझको।
भटक रहा कब से तेरा दर नही मिलता,
जादूगर अब अपना घर बता दे मुझको।
तूफान तेज चल रहा मझदार में कश्ती,
"रैना"की अब सुन ले पार लगा दे मुझको।"रैना"

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