Sunday, April 14, 2013

skand mata

स्कंदमाता,सुन मोरी गाथा
तेरे चरणों में करना गुजारा है,
इस मतलबी जग में मईया,
अपना और न कोई सहारा है।
स्कंदमाता,सुन ...................
जिसको अपना कहते वो दुशमन बन जाते हैं,
मतलब हो तो गले लगाते वर्ना ठेंगा दिखाते हैं,
जीवन नाइया डोल रही बहुत ही दूर किनारा है,
स्कंदमाता,सुन ............................................
इस दुनिया से तोड़ के रिश्ता दर तेरे अब आ बैठे,
खत्म करके सारी भटकन तुझसे प्रीत लगा बैठे,
बेशक अब हम जान गये माँ बच्चे का रिश्ता न्यारा है।
स्कंदमाता,सुन ................................................"रैना"
जय जय माआआआआअ जय जय माआआआआआ

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