Saturday, April 27, 2013

jahn nari ka apman

दोस्तों की नजर इक रचना तव्वजो चाहुगा जी,

जहां नारी का अपमान होगा,
वो देश कभी न महान होगा।
प्रजा ईमानदार हो नही सकती,
जब राजा खुद बेईमान होगा।
बेशक देख कर देश की हालत,
हर दिल में उठ रहा तूफान होगा।
देख कर अपने बन्दों के कुकर्म,
खुदा भी बहुत ही परेशान होगा।
जो मर्यादा की सीमा पार करता,
इन्सान नही वो तो हैवान होगा।
भारत देश की बदकिस्मती देखो,
मसीहा वो बनता जो शैतान होगा।
यूं राहों में छोड़ के क्यों जा रहे हो,
पागल"रैना"का भी अरमान होगा।"रैना"

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