Thursday, February 14, 2013

aoron ko dukh

दोस्तों आप की नजर
एक गीत कर रहा हूं
तव्वजो चाहू गा।

औरों को दुःख देने वाले,
फिर तू कैसे बच जाये गा,
कर युग है ये मेरे प्यारे,
करनी का फल तो पाये गा।
तू कैसे बच ..................
माँ पे की जो करते सेवा,
फूलों जैसे वो खिलते हैं,
चन्दन जैसी खुश्बू महके,
खुश जीवन में सुख मिलते हैं,
"रैना"अपनी चिन्ता कर ले,
वरना तू भी पछताये गा। ......."रैना"

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