Wednesday, February 27, 2013

sagar kinare

माँ की किरपा देखिये

होता मुझे एहसास है,
तू साथ मेरे पास है।
हम भूल सकते ही नही,
मेरा सनम तू खास है।
सागर किनारे बैठे है,
फिर भी लगी वो प्यास है।
इस जिस्म में ही घर तिरा,
बेशक मुझे विशवास है।
"रैना"मुलाकात होगी,
अब पी मिलन की आस है।"रैना"

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