मिले हर इक मिरे जैसा,
नही मिलता तिरे जैसा।
वही बनती कहानी भी,
मुसाफिर जो मिले जैसा।
शहर में बस तिरे चरचे,
तिरा मुख गुल खिले जैसा।
करम "रैना"भले करना,
मिले वैसा करे जैसा।"रैना"
नही मिलता तिरे जैसा।
वही बनती कहानी भी,
मुसाफिर जो मिले जैसा।
शहर में बस तिरे चरचे,
तिरा मुख गुल खिले जैसा।
करम "रैना"भले करना,
मिले वैसा करे जैसा।"रैना"
No comments:
Post a Comment