Monday, February 18, 2013

jo kuchh tune kiya

जिन्दगी का तोहफा ऐसे न मिलता,
अब मिला ये तोहफा तो बाग महका।"रैना"
सुप्रभात जी  ..............जय मेरी माँ

इबादत में शरारत तो नही होती,
शरारत में इबादत भी नही होती,
बदल चूका जमाना चेहरा अपना,
बसी दिल में मुहब्बत ही नही होती।"रैना"
ibadat me shrarat to nhi hoti,
shrarat me ibadat bhi nhi hoti,
badl chuka jmana chehra apna,
bsi dil me muhbbt hi nhi hoti."raina"





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