दोस्तों मेरी किताब की आखिरी प्यारी गज़ल
इस के बाद ग़ज़ल आप मेरी किताब
खरीद कर पढ़ पायेगे
तन्हा बैठे क्या सोचें है,
प्यासी आंखें क्या खोजें है।
मुखड़ा तेरा पीला पीला,
पलकों पे आंसू रोके है।
उल्फत के रस्ते मत चलना,
इस रस्ते धोखें धोखें हैं।
गिनती करना मुश्किल होता,
दिल पे लगती इतनी चोटें हैं।
बैठा तिनके तोड़े जोड़े,
जादू टोने क्या होते हैं।
महफिल में तुम हंसते रहते,
तन्हाई में क्यों रोते है।
"रैना"को बस इतना कहना,
आशिक तो पागल होते है।"रैना"
इस के बाद ग़ज़ल आप मेरी किताब
खरीद कर पढ़ पायेगे
तन्हा बैठे क्या सोचें है,
प्यासी आंखें क्या खोजें है।
मुखड़ा तेरा पीला पीला,
पलकों पे आंसू रोके है।
उल्फत के रस्ते मत चलना,
इस रस्ते धोखें धोखें हैं।
गिनती करना मुश्किल होता,
दिल पे लगती इतनी चोटें हैं।
बैठा तिनके तोड़े जोड़े,
जादू टोने क्या होते हैं।
महफिल में तुम हंसते रहते,
तन्हाई में क्यों रोते है।
"रैना"को बस इतना कहना,
आशिक तो पागल होते है।"रैना"
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