Saturday, February 23, 2013

bhul gye

यार से गुस्ताखी माफ़ करने की अर्जी

तुझ से गिला ये रंज रहा,
करता नही आबाद हमें,
तेरी वफा तो भूल गये,
अपनी खता कब याद हमें।
अपनी खता .................
सब कुछ दिया गुलजार किया,
कोई कमी भी छोड़ी नही,
हम बेवफा बेख़ौफ़  कहे,
कर दिया बरबाद हमें।
अपनी खता .................
हम क्या करे दिलदार बता,
कैसे अदा हो प्यार वफा,
"रैना"कहे अब मेरे सजन,
करनी फकत फरियाद हमें।
अपनी खता ................."रैना"
सुप्रभात जी ..........जय मेरे मालिक की

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