जो करे गा तू वहां के लिये,
वो करे गा फिर यहां के लिये,
साथ कुछ भी तो नही जा सके,
अब बता जोड़ा कहां के लिये।
शाम ढलने को पंछी उड़ चले,
गौर कुछ कर ले वहां के लिये।
क्यों लगी रहती तुझे यूं फ़िक्र,
कुछ करे "रैना" जहां के लिये।"रैना"
सुप्रभात जी ........जय माता की
वो करे गा फिर यहां के लिये,
साथ कुछ भी तो नही जा सके,
अब बता जोड़ा कहां के लिये।
शाम ढलने को पंछी उड़ चले,
गौर कुछ कर ले वहां के लिये।
क्यों लगी रहती तुझे यूं फ़िक्र,
कुछ करे "रैना" जहां के लिये।"रैना"
सुप्रभात जी ........जय माता की
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