दोस्तों इस रचना पे नजर डालना
गर राज छुपा ही रहे तो अच्छा,
जो खुल गया तो हवा में महके गा,
बेवजह ही जमाना फिर चहके गा।
तू दबा दबा के अपने कदम रखना,
वरना सूखे पत्ते तो अक्सर खड़कते है,
तुम बेखबर नही लोग बात पकड़ते हैं।
तेज आंधी में कभी शमा जलती नही,
गर जलती है तो फिर हाथ जला देती,
जालिम दुनिया भी जलते को हवा देती।
दिल का सौदा महंगा सम्भल के करना,
ये माल ऐसा बिक के वापिस नही होता,
गर होता फिर लैला रोती न मंजनू रोता।
"रैना"लिखना भी खुदा की इबादत होती,
तू कलम अपनी जमाने के नाम करदे,
दीवाना हुआ उसका चर्चा सरेआम करदे।"रैना"
गर राज छुपा ही रहे तो अच्छा,
जो खुल गया तो हवा में महके गा,
बेवजह ही जमाना फिर चहके गा।
तू दबा दबा के अपने कदम रखना,
वरना सूखे पत्ते तो अक्सर खड़कते है,
तुम बेखबर नही लोग बात पकड़ते हैं।
तेज आंधी में कभी शमा जलती नही,
गर जलती है तो फिर हाथ जला देती,
जालिम दुनिया भी जलते को हवा देती।
दिल का सौदा महंगा सम्भल के करना,
ये माल ऐसा बिक के वापिस नही होता,
गर होता फिर लैला रोती न मंजनू रोता।
"रैना"लिखना भी खुदा की इबादत होती,
तू कलम अपनी जमाने के नाम करदे,
दीवाना हुआ उसका चर्चा सरेआम करदे।"रैना"
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