Friday, February 22, 2013

sima ne



सीमा ने सीमा में रह कर,
हर सीमा को पार किया,
जिन्दगी से इजहार किया,
इकरार किया, प्यार किया,
हर मुश्किल को गले लगा,
ख़ुशी से स्वीकार किया।
सीमा ने सीमा .................
पथरीली राहों पे चलना सीखा,
सुरखरू होने को जलना सीखा,
रोशन कर दी हमने महफ़िल
पर शमा सी न पिघलना सीखा 
तप में लीन मीरा की मस्ती,
 सब्र से बरसों इंतजार किया।
सीमा ने सीमा ...................
जीवन उसका उपहार यही माना,
हर मसले को बड़े करीब से जाना,
बेशक हमने कर के ही दिखाया,
मैंने मन में जो भी करने को ठाना,
असूलों में बंधे रह कर अक्सर,
यूं ख्वाबों का महल तैयार किया। सीमा शर्मा 

No comments:

Post a Comment