बीवी की शिकायत पर बनी,
इक रचना देखिये।
रात के बारह बजे,
नैन अब सोने लगे।
छोड़ दो अब तो कलम,
मान भी जाओ बलम।
खा तरस कुछ हाल पर,
गौर कर तू ख्याल पर।
सुन पिया तू सुन पिया,
बोर हमको क्यों किया।
मैं अकेली सो रही,
मैं न तेरी वो रही।"रैना"
इक रचना देखिये।
रात के बारह बजे,
नैन अब सोने लगे।
छोड़ दो अब तो कलम,
मान भी जाओ बलम।
खा तरस कुछ हाल पर,
गौर कर तू ख्याल पर।
सुन पिया तू सुन पिया,
बोर हमको क्यों किया।
मैं अकेली सो रही,
मैं न तेरी वो रही।"रैना"
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