दोस्तों इक गीत
आप की नजर कर रहा हु
आप की तव्वजो चाहू गा।
सम्भल के कदमों को रखना,
हैं मुश्किल राहें उल्फत की,
उफ़ मतलब के सब रिश्तें हैं,
दुनिया दुश्मन मुहब्बत की।
सम्भल के ........................
जो दिखता अब वो बिकता है,
ये फारमुला ही चलता है,
चढ़ते सूरज को सब देखे,
क्या मतलब सूरज ढलता है,
लगती अरमानों की बोली,
बिगड़ी सूरत अब हसरत की।
सम्भल के ........................
मौसम ने अब करवट बदली,
सिर चढ़ के बोले है पैसा,
पैसे के आगे सब बौने,
रिश्ता हो चाहे भी जैसा,
"रैना" दिल के खेतों में अब,
खेती होती है नफरत की।
सम्भल के ........................"रैना"
आप की नजर कर रहा हु
आप की तव्वजो चाहू गा।
सम्भल के कदमों को रखना,
हैं मुश्किल राहें उल्फत की,
उफ़ मतलब के सब रिश्तें हैं,
दुनिया दुश्मन मुहब्बत की।
सम्भल के ........................
जो दिखता अब वो बिकता है,
ये फारमुला ही चलता है,
चढ़ते सूरज को सब देखे,
क्या मतलब सूरज ढलता है,
लगती अरमानों की बोली,
बिगड़ी सूरत अब हसरत की।
सम्भल के ........................
मौसम ने अब करवट बदली,
सिर चढ़ के बोले है पैसा,
पैसे के आगे सब बौने,
रिश्ता हो चाहे भी जैसा,
"रैना" दिल के खेतों में अब,
खेती होती है नफरत की।
सम्भल के ........................"रैना"
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