रैना की ये कविता पेड़ों की शान में
धरती की शान हैं पौधे,
जीवों की जान हैं पौधे।
फल फूल छाया भी देते,
बड़े ही दयावान हैं पौधें।
गर्मी सर्दी वर्षा भी सहते,
धर्यशील महान हैं पौधें।
बेशक हम सब जाने हैं,
देते जीवन दान हैं पौधें।
आओं और पौधें लगायें,
दुःख का समाधान हैं पौधें।
"रैना"ये तू भूल न जाना,
पूज्य हमारे भगवान हैं पौधें। "रैना"
धरती की शान हैं पौधे,
जीवों की जान हैं पौधे।
फल फूल छाया भी देते,
बड़े ही दयावान हैं पौधें।
गर्मी सर्दी वर्षा भी सहते,
धर्यशील महान हैं पौधें।
बेशक हम सब जाने हैं,
देते जीवन दान हैं पौधें।
आओं और पौधें लगायें,
दुःख का समाधान हैं पौधें।
"रैना"ये तू भूल न जाना,
पूज्य हमारे भगवान हैं पौधें। "रैना"
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