Sunday, February 3, 2013

maa ki

दोस्तों आज के दिन 4फरवरी 1963 को
माँ की मेहरबानी से हमने रोशन जहान देखा था,
माँ को समर्पित दो लाइनें,

माँ की मेहरबानी से,रोशन ये दुनिया देखी,
वरना अन्धेरी नगरी,में अपना डेरा होता।"रैना"
माँ बाप के चरणों में शत शत प्रणाम,
सुप्रभात जी मेरे मालिक तेरी जय जय कर 

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